LYRICS SHIV CHALISA SECRETS

lyrics shiv chalisa Secrets

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त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥

मोहिः संभ्रान्तः स्थित्वा शान्तिं न प्राप्नोत्।

प्रतिदिन शिव चालीसा का पाठ करने से आपके जीवन की कठनाईया दूर होती हैं ।

नमो नमो जय नमो शिवाय । सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥

भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

अर्थ- अपनी पूजा को पूरा करने के लिए राजीवनयन भगवान राम ने, कमल की जगह अपनी आंख से पूजा संपन्न करने की ठानी, तब आप प्रसन्न हुए और उन्हें इच्छित वर प्रदान किया।

स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।

अर्थ: हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे get more info भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती। हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से मुझे उभार लो यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।

अस्तुति चालीसा शिविही, सम्पूर्ण कीन कल्याण ॥

प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।

आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै।।

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